जितना दिया चन्द्र प्रभु ने मुझको, इतनी तो मेरी औकात ना थी,
ये तो कृपा है मेरे बाबा की वर्ना, मुझ में तो ऐसी कोई बात ना थी
Category: Jain Bhakti Shayari In Hindi
Jain Poetry In Hindi – Raag Se Insaan Shaitan Ban Jata Hai
राग से इंसान शैतान बन जाता है,
त्याग से इंसान महान बन जाता है,
विराग से इंसान भगवान बन जाता है,
सम भाव से हर इंसान सुख पाता है